अब और मंजिल पाने की हसरत नहीं रही; किसी की याद में मर जाने की फितरत नहीं रही; आप जैसा दोस्त जब से मिला है; किसी और को दोस्त बनाने की जरुरत नहीं रही।
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अब और मंजिल पाने की हसरत नहीं रही; किसी की याद में मर जाने की फितरत नहीं रही; आप जैसा दोस्त जब से मिला है; किसी और को दोस्त बनाने की जरुरत नहीं रही।
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