आसमान से तोड़ कर तारा दिया है; आलम ए तन्हाई में एक शरारा दिया है; मेरी किस्मत भी नाज़ करती है मुझे पे; खुदा ने दोस्त ही इतना प्यारा दिया है।
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आसमान से तोड़ कर तारा दिया है; आलम ए तन्हाई में एक शरारा दिया है; मेरी किस्मत भी नाज़ करती है मुझे पे; खुदा ने दोस्त ही इतना प्यारा दिया है।
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