कभी यह धड़कन आपसे जो भी कहे; फिर साँसों को भी उसकी ख़बर न हो; बहुत गहरा है हमारी दोस्ती का यह रिश्ता; दुआ करो कि इसको कभी किसी की नज़र न लगे।
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कभी यह धड़कन आपसे जो भी कहे; फिर साँसों को भी उसकी ख़बर न हो; बहुत गहरा है हमारी दोस्ती का यह रिश्ता; दुआ करो कि इसको कभी किसी की नज़र न लगे।
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