कुछ बदली हुई तकदीर नज़र आती है; दूर तक यादों कि ज़ंजीर नज़र आती है; मैं देखूं तो क्या देखूं अय दोस्त; हर चेहरे पर तेरी तस्वीर नज़र आती है!
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कुछ बदली हुई तकदीर नज़र आती है; दूर तक यादों कि ज़ंजीर नज़र आती है; मैं देखूं तो क्या देखूं अय दोस्त; हर चेहरे पर तेरी तस्वीर नज़र आती है!
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