कुछ रिश्ते अंजाने में बन जाते हैं; पहले दिल से फिर ज़िंदगी से जुड़ जाते हैं; कहते हैं उस दौर को दोस्ती; जिसमे अंजाने न जाने कब अपने बन जाते हैं!
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कुछ रिश्ते अंजाने में बन जाते हैं; पहले दिल से फिर ज़िंदगी से जुड़ जाते हैं; कहते हैं उस दौर को दोस्ती; जिसमे अंजाने न जाने कब अपने बन जाते हैं!
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