खामोशियों की भी धीमी सी आवाज़ है; तन्हाईयों में भी एक गहरा राज़ है; मिलते नही हैं सबको अच्छे दोस्त यहाँ; आप जो मिले हो हमें खुद पर नाज़ है।
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खामोशियों की भी धीमी सी आवाज़ है; तन्हाईयों में भी एक गहरा राज़ है; मिलते नही हैं सबको अच्छे दोस्त यहाँ; आप जो मिले हो हमें खुद पर नाज़ है।
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