चाहत किसी की गुलाम नहीं होती,
मोहब्बत कभी सरे-आम नहीं होती,
कैसे भूल जाए आपकी यादों को,
क्योकि हमारी दोस्ती की सरवर कभी जाम नहीं होती.
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चाहत किसी की गुलाम नहीं होती,
मोहब्बत कभी सरे-आम नहीं होती,
कैसे भूल जाए आपकी यादों को,
क्योकि हमारी दोस्ती की सरवर कभी जाम नहीं होती.
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