दुआ करते हैं हम सर झुका के; आप अपनी मंज़िल को पाएं मेरे दोस्त; अगर आपकी राहों में कभी अँधेरा आये; तो रौशनी के लिए ख़ुदा हमको जलाए!
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दुआ करते हैं हम सर झुका के; आप अपनी मंज़िल को पाएं मेरे दोस्त; अगर आपकी राहों में कभी अँधेरा आये; तो रौशनी के लिए ख़ुदा हमको जलाए!
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