दोस्त रुठे तो रब रुठे; फिर रुठे तो जग छुटे; अगर फिर रुठे तो दिल टूटे; और अगर फिर भी वो रुठे: तो मारो डंडा तब तक जब तक डंडा ना टूटे।
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दोस्त रुठे तो रब रुठे; फिर रुठे तो जग छुटे; अगर फिर रुठे तो दिल टूटे; और अगर फिर भी वो रुठे: तो मारो डंडा तब तक जब तक डंडा ना टूटे।
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