फासले दोस्ती में कभी-कभी आते रहते हैं; दोस्ती फिर भी दो दिलों को मिला ही देती हैं; जो ख़फ़ा न हो जाये वो दोस्त कैसे होता; सच्ची दोस्ती फिर भी दोस्त को मिला ही देती है।
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फासले दोस्ती में कभी-कभी आते रहते हैं; दोस्ती फिर भी दो दिलों को मिला ही देती हैं; जो ख़फ़ा न हो जाये वो दोस्त कैसे होता; सच्ची दोस्ती फिर भी दोस्त को मिला ही देती है।
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