फिर न सिमटेगी अगर दोस्ती बिखर जायेगी; ज़िन्दगी जुल्फ नहीं जो फिर से संवर जायेगी; जो ख़ुशी दे तुम्हें थाम लो दामन उसका; ज़िन्दगी रो कर नहीं हंस कर गुज़र जायेगी!
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फिर न सिमटेगी अगर दोस्ती बिखर जायेगी; ज़िन्दगी जुल्फ नहीं जो फिर से संवर जायेगी; जो ख़ुशी दे तुम्हें थाम लो दामन उसका; ज़िन्दगी रो कर नहीं हंस कर गुज़र जायेगी!
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