हमारी गलतियों से कहीं टूट न जाना; हमारी शरारतों से कहीं रूठ न जाना; तुम्हारी दोस्ती ही है ज़िंदगी मेरी; इस प्यारे से बंधन को तुम भूल न जाना।
Like (8) Dislike (1)
हमारी गलतियों से कहीं टूट न जाना; हमारी शरारतों से कहीं रूठ न जाना; तुम्हारी दोस्ती ही है ज़िंदगी मेरी; इस प्यारे से बंधन को तुम भूल न जाना।
Your Comment