जिंदगी शुरू होती है रिश्तों से! रिश्ते शुरू होते है प्यार से! प्यार शुरू होता है अपनों से! और अपने शुरू होते है आप से!
जिंदगी शुरू होती है रिश्तों से! रिश्ते शुरू होते है प्यार से! प्यार शुरू होता है अपनों से! और अपने शुरू होते है आप से!
वक़्त दोस्त और रिश्ते; ये वो चीजें हैं जो हमें मुफ्त मिलती हैं! मगर इनकी कीमत का तब पता चलता है जब ये कहीं खो जाती हैं!
साथ रोती थी हँसा करती थी एक परी मेरे दिल में बसा करती थी
किस्मत थी हम जुदा हो गए वरना वो मुझे अपनी तकदीर कहा करती थी
एक ऐसा वक़्त था जब दोस्त बोलते थे: चलो मिलकर कोई प्लॉन(Plan) बनाते हैं। और अब बोलते हैं: चलो मिलने का कोई प्लॉन(Plan) बनाते हैं।
कुछ खोये बिना हमने पाया है; कुछ मांगे बिना हमें मिला है; नाज़ है हमें अपनी तक़दीर पर; जिसने आप जैसे दोस्त से मिलाया है।
लोग कहते हैं किसी एक के चले जाने से जिन्दगी अधूरी नहीं होती
लेकिन लाखों के मिल जाने से उस एक की कमी पूरी नहीं होती है
उम्मीदों को टूटने मत देना; इस दोस्ती को कम होने मत देना; दोस्त मिलेंगे हमसे भी अच्छे पर; इस दोस्त को यूँ ही भुला मत देना।
सच्ची दोस्ती बेजान होती है; ये तो आँखों से बयाँ होती है; दोस्ती में दर्द मिले तो क्या; दर्द में ही दोस्ती की पहचान होती है!
एक हसीन पल की ज़रूरत है हमें; बीते हुए कल की ज़रूरत है हमें; सारा ज़माना रूठ गया हमसे; जो कभी न रूठे ऐसे दोस्त की ज़रूरत है हमें।
आप से दूर होकर हम जाएंगे कहाँ; आप जैसा दोस्त हम पाएंगे कहाँ; दिल को कैसे भी संभाल लेंगे; पर आँखों के आंसू हम छिपाएंगे कहाँ।
गुनाह करके सज़ा से डरते हैं; पी के ज़हर दवा से डरते हैं; दुश्मनों के सितम का खौफ नहीं हमको; हम तो दोस्तों की बेवफाई से डरते हैं।
दोस्ती का रिश्ता तो अंजानो को भी जोड़ देता है; हर कदम पर जिंदगी को नया मोड़ देता है; वो साथ देते हैं तब; जब साया भी साथ छोड़ देता है!
बरसात आये तो ज़मीन गीली न हो
धूप आये तो सरसों पीली न हो
ए दोस्त तूने यह कैसे सोच लिया कि
तेरी याद आये और पलकें गीली न हों
दोस्त रुठे तो रब रुठे; फिर रुठे तो जग छुटे; अगर फिर रुठे तो दिल टूटे; और अगर फिर भी वो रुठे: तो मारो डंडा तब तक जब तक डंडा ना टूटे।
हर ग़म को ख़ुशी में बदलती है दोस्ती; हर आंसू को हँसी में बदलती है दोस्ती; कुछ लोग समझ नहीं पाते; कि अँधेरी रात का दिया है दोस्ती।