अगर यूँ ही ये दिल... अगर यूँ ही ये दिल सताता रहेगा; तो इक दिन मेरा जी ही जाता रहेगा; मैं जाता हूँ दिल को तेरे पास छोड़े; मेरी याद तुझको दिलाता रहेगा; गली से तेरी दिल को ले तो चला हूँ; मैं पहुँचूँगा जब तक ये आता रहेगा; क़फ़स में कोई तुम से ऐ हम-सफ़ीरों; ख़बर कल की हमको सुनाता रहेगा; ख़फ़ा हो कि ऐ दर्द मर तो चला तू; कहाँ तक ग़म अपना छुपाता रहेगा।

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