अपने चेहरे से... अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपायें कैसे; तेरी मर्ज़ी के मुताबिक नज़र आयें कैसे; घर सजाने का तस्सवुर तो बहुत बाद का है; पहले ये तय हो कि इस घर को बचायें कैसे; क़हक़हा आँख का बरताव बदल देता है; हँसने वाले तुझे आँसू नज़र आयें कैसे; कोई अपनी ही नज़र से तो हमें देखेगा; एक क़तरे को समुन्दर नज़र आयें कैसे।

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