आता है याद मुझको... आता है याद मुझको गुज़रा हुआ ज़माना; वो बाग़ की बहारें वो सब का चह-चहाना; आज़ादियाँ कहाँ वो अब अपने घोसले की; अपनी ख़ुशी से आना अपनी ख़ुशी से जाना; लगती हो चोट दिल पर आता है याद जिस दम; शबनम के आँसुओं पर कलियों का मुस्कुराना; वो प्यारी-प्यारी सूरत वो कामिनी-सी मूरत; आबाद जिस के दम से था मेरा आशियाना।

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