इस अहद में इलाही... इस अहद में इलाही मोहब्बत को क्या हुआ; छोड़ा वफ़ा को उन्ने मुरव्वत को क्या हुआ; उम्मीदवार वादा-ए-दीदार मर चले; आते ही आते यारों क़यामत को क्या हुआ; बख्शिश ने मुझ को अब्र-ए-करम की किया ख़िजल; ए चश्म-ए-जोश अश्क-ए-नदामत को क्या हुआ; जाता है यार तेग़ बकफ़ ग़ैर की तरफ़; ए कुश्ता-ए-सितम तेरी ग़ैरत को क्या हुआ।

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