इस शहर की भीड़ में... इस शहर की भीड़ में चेहरे सारे अजनबी; रहनुमा है हर कोई पर रास्ता कोई नहीं; अपनी-अपनी किस्मतों के सभी मारे यहाँ; एक-दूजे से किसी का वास्ता कोई नहीं; बस चला जाता यूँ ही ज़िन्दगी का कारवाँ; यादों के टुकड़े हैं बस दास्ताँ कोई नहीं।

Your Comment Comment Head Icon

Login