ए काश वो किसी दिन ए काश वो किसी दिन तनहाइयों में आयें; उनको ये राजे दिल हम महफ़िल में क्या बतायें; लगता है डर उन्हें तो हमराज़ लेके आयें; जो पूछना है पूछे कहना है जो सुनाएँ; तौबा हमारी हम जो उन्हें हाथ भी लगाएँ; ए काश वो किसी दिन तनहाइयों में आयें; उनको ये राजे दिल हम महफ़िल में क्या बतायें उन्हें इश्क ग़र ना होता पलके नही झुकाते; गालों पे सोख बादल जुल्फो के ना गिरते; कर दे ना क़त्ल हमको मासूम यह अदाएँ; ए काश वो किसी दिन तनहाइयों में आयें; उनको ये राजे दिल हम महफ़िल में क्या बतायें।

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