ए रात सोने दे... ए रात सोने दे यूं तंग ना किया कर; बेकार सवालों में पाबंद ना किया कर; इस के सिवा और भी ज़माने के काम हैं; तु मेरे ख्यालात बे-ढंग ना किया कर; दुनियाँ में और लोग भी बस्ते हैं तन्हा; तु सिर्फ मेरे साथ ही जंग न किया कर; ए रात सोने दे यूँ तंग ना किया कर; मज़बूत हूँ पर इतना भी नहीं हूँ; दुनिया के सभी ग़म मेरे संग ना किया कर; ए रात सोने दे यूँ तंग न किया कर।

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