ओंस की बूँद सी... ओंस की बूँद सी होती है बेटियाँ; स्पर्श खुरदरा हो तो रोती हैं बेटियाँ; रोशन करेगा बेटा तो एक कुल को; दो दो कुलो की लाज होती हैं बेटियाँ; कोई नहीं है एक दूसरे से कम; हीरा अगर है बेटा; तो सुच्चा मोती है बेटियाँ; काँटों की राह पर यह खुद ही चलती हैं; औरों के लिए फूल होती हैं बेटियाँ; विधि का विधान है; यही दुनियाँ की रस्म है; मुट्ठी भर नीर सी होती हैं बेटियाँ।

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