कोई चारा नहीं कोई चारा नहीं दुआ के सिवा; कोई सुनता नहीं खुदा के सिवा; मुझसे क्या हो सका वफ़ा के सिवा; मुझको मिलता भी क्या सज़ा के सिवा; कोई... बरसरे-साहिले मुकाम यहां; कौन उभरा है नाखुदा के सिवा; कोई... दिल सभी कुछ ज़ुबान पर लाया; इक फ़क़त अर्ज़े-मुद्दा के सिवा; कोई...

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