जो भी बुरा भला है... जो भी बुरा भला है अल्लाह जानता है; बंदे के दिल में क्या है अल्लाह जानता है; ये फर्श-ओ-अर्श क्या है अल्लाह जानता है; पर्दों में क्या छिपा है अल्लाह जानता है; जाकर जहाँ से कोई वापिस नहीं है आता; वो कौन सी जगह है अल्लाह जानता है; नेक़ी-बदी को अपने कितना ही तू छिपाए; अल्लाह को पता है अल्लाह जानता है; ये धूप-छाँव देखो ये सुबह-शाम देखो; सब क्यों ये हो रहा है अल्लाह जानता है; क़िस्मत के नाम को तो सब जानते हैं लेकिन क़िस्मत में क्या लिखा है अल्लाह जानता है।

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