तुम ये कैसे... तुम ये कैसे जुदा हो गये; हर तरफ़ हर जगह हो गये; अपना चेहरा न बदला गया; आईने से ख़फ़ा हो गये; जाने वाले गये भी कहाँ; चाँद सूरज घटा हो गये; बेवफ़ा तो न वो थे न हम; यूँ हुआ बस जुदा हो गये; आदमी बनना आसाँ न था; शेख़ जी आप हो गये।

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