तेरी ख़ुशी से अगर ​...​​​तेरी ख़ुशी से अगर गम में भी ख़ुशी न हुई;​​वो जिंदगी तो मोहब्बत की जिंदगी न हुई;​​​​​किसी की मस्त निगाही ने हाथ थाम लिया;​​शरीके हाल जहाँ मेरी बेखुदी न हुई​;​​​ख्याल-ए-यार सलामत तुझे खुदा रखे​;​​तेरे बगैर कभी घर में रोशनी न हुई;​​​ ​​ इधर से भी है सिवा कुछ उधर की मजबूरी​;​​ कि हमने आह तो की उनसे आह भी न हुई​;​​​ ​​ गए थे हम भी जिगर जलवा गाहे-जानाँ में​;​ वो पूछते ही रहे हम से बात भी न हुई।

Your Comment Comment Head Icon

Login