तो मैं भी ख़ुश हूँ कोई उस से जा के कह देना; अगर वो ख़ुश है मुझे बे-क़रार करते हुए; तुम्हें ख़बर ही नहीं है कि कोई टूट गया; मोहब्बतों को बहुत पाएदार करते हुए; मैं मुस्कुराता हुआ आईने में उभरूँगा; वो रो पड़ेगी अचानक सिंघार करते हुए; मुझे ख़बर थी कि अब लौट कर न आऊँगा; सो तुझ को याद किया दिल पे वार करते हुए; ये कह रही थी समुंदर नहीं ये आँखें हैं; मैं इन में डूब गया ए तिबार करते हुए; भँवर जो मुझ में पड़े हैं वो मैं ही जानता हूँ; तुम्हारे हिज्र के दरिया को पार करते हुए।

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