मुझसे बिछड़ के...मुझसे बिछड़ के ख़ुश रहते हो;मेरी तरह तुम भी झूठे हो;इक टहनी पर चाँद टिका था;मैं ये समझा तुम बैठे हो;उजले-उजले फूल खिले थे;बिल्कुल जैसे तुम हँसते हो;मुझ को शाम बता देती है;तुम कैसे कपड़े पहने हो;तुम तन्हा दुनिया से लड़ोगे;बच्चों सी बातें करते हो।
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