मेरा जी है जब तक... मेरा जी है जब तक तेरी जुस्तजू है; ज़बाँ जब तलक है यही गुफ़्तगू है; ख़ुदा जाने क्या होगा अंजाम इसका; मै बेसब्र इतना हूँ वो तुन्द ख़ू है; तमन्ना है तेरी अगर है तमन्ना; तेरी आरज़ू है अगर आरज़ू है; किया सैर सब हमने गुलज़ार-ए-दुनिया; गुल-ए-दोस्ती में अजब रंग-ओ-बू है; ग़नीमत है ये दीद वा दीद-ए-याराँ; जहाँ मूँद गयी आँख मैं है न तू है; नज़र मेरे दिल की पड़ी दर्द किस पर; जिधर देखता हूँ वही रू-ब-रू है।

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