ले चला जान मेरी... ले चला जान मेरी रूठ के जाना तेरा; ऐसे आने से तो बेहतर था न आना तेरा; अपने दिल को भी बताऊँ न ठिकाना तेरा; सब ने जाना जो पता एक ने जाना तेरा; तू जो ऐ ज़ुल्फ़ परेशान रहा करती है; किस के उजड़े हुए दिल में है ठिकाना तेरा; ये समझ कर तुझे ऐ मौत लगा रखा है; काम आता है बुरे वक़्त में आना तेरा; अपनी आँखों में भी कौँध गई बिजली सी; हम न समझे कि ये आना है कि जाना तेरा; दाग़ को यूँ वो मिटाते हैं ये फ़र्माते हैं; तू बदल डाल हुआ नाम पुराना तेरा।

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