कांटो सी चुभती है तन्हाई
अंगारों सी सुलगती है तन्हाई
कोई आ कर हम दोनों को ज़रा हँसा दे
मैं रोता हूँ तो रोने लगती है तन्हाई
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कांटो सी चुभती है तन्हाई
अंगारों सी सुलगती है तन्हाई
कोई आ कर हम दोनों को ज़रा हँसा दे
मैं रोता हूँ तो रोने लगती है तन्हाई
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