आँख में पानी रखो होठों पे चिंगारी रखो; ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो; ले तो आये शायरी बाज़ार में राहत मियाँ; क्या ज़रूरी है की लहजे को भी बाज़ारी रखो।
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आँख में पानी रखो होठों पे चिंगारी रखो; ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो; ले तो आये शायरी बाज़ार में राहत मियाँ; क्या ज़रूरी है की लहजे को भी बाज़ारी रखो।
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