एक अजीब सा मंजर नज़र आता है
हर एक आँसु समंदर नज़र आता है
कहाँ रखू मैं शीशे सा दिल अपना
हर किसी के हाथ में पत्थर नज़र आता है
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एक अजीब सा मंजर नज़र आता है
हर एक आँसु समंदर नज़र आता है
कहाँ रखू मैं शीशे सा दिल अपना
हर किसी के हाथ में पत्थर नज़र आता है
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