गुलसन है अगर सफ़र जिंदगी का तो इसकी मंजिल समशान क्यों है
जब जुदाई है प्यार का मतलब तो फिर प्यार वाला हैरान क्यों है
अगर जीना ही है मरने के लिए तो जिंदगी ये वरदान क्यों है
जो कभी न मिले उससे ही लग जाता है दिल आखिर ये दिल इतना नादान क्यों है

Your Comment Comment Head Icon

Login