जिसमे याद ना आए वो तन्हाई किस काम की; बिगड़े रिश्ते ना बने तो खुदाई किस काम की; बेशक इंसान को ऊंचाई तक जाना है; पर जहाँ से अपने ना दिखें वो उँचाई किस काम की।
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जिसमे याद ना आए वो तन्हाई किस काम की; बिगड़े रिश्ते ना बने तो खुदाई किस काम की; बेशक इंसान को ऊंचाई तक जाना है; पर जहाँ से अपने ना दिखें वो उँचाई किस काम की।
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