फर्क होता है खुदा और फ़क़ीर में; फर्क होता है किस्मत और लकीर में; अगर कुछ चाहो और न मिले तो समझ लेना; कि कुछ और अच्छा लिखा है तक़दीर में।
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फर्क होता है खुदा और फ़क़ीर में; फर्क होता है किस्मत और लकीर में; अगर कुछ चाहो और न मिले तो समझ लेना; कि कुछ और अच्छा लिखा है तक़दीर में।
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