बिन बताये उसने ना जाने क्यों ये दूरी कर दी
बिछड़ के उसने मोहब्बत ही अधूरी कर दी
मेरे मुकद्दर में ग़म आये तो क्या हुआ
खुदा ने उसकी ख्वाहिश तो पूरी कर दी
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बिन बताये उसने ना जाने क्यों ये दूरी कर दी
बिछड़ के उसने मोहब्बत ही अधूरी कर दी
मेरे मुकद्दर में ग़म आये तो क्या हुआ
खुदा ने उसकी ख्वाहिश तो पूरी कर दी
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