माँ-बाप का दिल दु:खाकर आजतक कोई सुखी नही हुआ
कदर करनी है तो जीते जी करो जनाजा उठाते वक़्त तो नफरत करने वाले भी रो पड़ते है
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माँ-बाप का दिल दु:खाकर आजतक कोई सुखी नही हुआ
कदर करनी है तो जीते जी करो जनाजा उठाते वक़्त तो नफरत करने वाले भी रो पड़ते है
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