मियां मैं शेर हूँ शेरो की गुर्राहट नहीं जाती; मैं लहजा नर्म भी कर लूँ तो झुंझलाहट नहीं जाती; मैं अनजाने में एक बार सच बोल बैठा था; तब से मैं कोशिश कर चुका हूँ पर मुंह की कड़वाहट नहीं जाती।
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मियां मैं शेर हूँ शेरो की गुर्राहट नहीं जाती; मैं लहजा नर्म भी कर लूँ तो झुंझलाहट नहीं जाती; मैं अनजाने में एक बार सच बोल बैठा था; तब से मैं कोशिश कर चुका हूँ पर मुंह की कड़वाहट नहीं जाती।
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