ये और बात है हम तुमको याद आ ना सके
शराब पी के भी हम तुमको भुला ना सके
ये फासलों की है बसती इसीलिए यारो
वो पास आ ना सके हम भी पास जा ना सके
सकूँ दिया है जमाने के मेरे नगमो ने
अजीब बात है खुद को ही हम हसाँ ना सके

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