रहिये अब ऐसी जगह चलकर जहाँ कोई न हो; हम सुख़न कोई न हो और हम ज़ुबाँ कोई न हो; बेदर-ओ-दीवार सा इक घर बनाना चाहिए; कोई हमसाया न हो और पासबाँ कोई न हो; पड़िए गर बीमार तो कोई न हो तीमारदार; और अगर मर जाइए तो नौहाख़्वाँ कोई न हो।

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