राहो में निकले तो रास्ता विरान था; एक तरफ़ आबादी एक तरफ़ कब्रिस्तान था; हर वीरान कब्र का यहीं बयान था; देख के चल मुसाफ़िर कभी मैं भी इन्सान था।
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राहो में निकले तो रास्ता विरान था; एक तरफ़ आबादी एक तरफ़ कब्रिस्तान था; हर वीरान कब्र का यहीं बयान था; देख के चल मुसाफ़िर कभी मैं भी इन्सान था।
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