हर बार मेरे सामने आती रही हो तुम; हर बार तुम से मिल के बिछड़ता रहा हूँ मैं; तुम कौन हो ये खुद भी नहीं जानती हो तुम; मैं कौन हूँ ये खुद भी नहीं जानता हूँ मैं।
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हर बार मेरे सामने आती रही हो तुम; हर बार तुम से मिल के बिछड़ता रहा हूँ मैं; तुम कौन हो ये खुद भी नहीं जानती हो तुम; मैं कौन हूँ ये खुद भी नहीं जानता हूँ मैं।
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