हर वक़्त का हँसना तुझे बर्बाद न कर दे तन्हाई के लम्हों में कभी रो भी लिया कर; ए दिल! तुझे दुश्मनों की पहचान कहाँ तू हल्क़ा-ए-यारां में भी मोहतात रहा कर।
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हर वक़्त का हँसना तुझे बर्बाद न कर दे तन्हाई के लम्हों में कभी रो भी लिया कर; ए दिल! तुझे दुश्मनों की पहचान कहाँ तू हल्क़ा-ए-यारां में भी मोहतात रहा कर।
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