होता नहीं मेहसुस दर्द आज तेरे जखमों का
कयुँ आज तेरी तलवार की धार कमम है
कुछ दे ऐसे जख्म आज मुझको
क्युँ लगता है की आज तेरा प्यार कम है
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होता नहीं मेहसुस दर्द आज तेरे जखमों का
कयुँ आज तेरी तलवार की धार कमम है
कुछ दे ऐसे जख्म आज मुझको
क्युँ लगता है की आज तेरा प्यार कम है
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