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खिंच चुके है मासूम जो नकाब
खिंच चुके है मासूम जो नकाब
खिंच चुके है मासूम जो नकाब चेहरों से खुद ही गिर जाएँगे एक दिन
न बेकार समय गँवा कुछ सच्चे चेहरे तलाश
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प्यार का तोफा हर किसी को
औकात की बात मत कर पगली
अभिमान किसी को ऊपर उठने नही
कई रास्तों पर चलकर देखा सब
दूर दूर रह कर भी हम
दूध का सार है मलाई मेऔरजिंदगी
औकात नहीं है दुश्मनो की आँख
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शाम को सजसंवर कर तुम इस
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