लोग चले थे राजनीती सिखाने
हमने भी कह दिया पहेले निति पे चलो
राज करना हम सिखा देंगे

एक अलग ही तरीके से ज़िन्दगी को जवाब देता हूँ
मैं हर वक़्त आईने से मुस्कुरा कर मिलता हूँ

नहीं मिलेगा तुझे कोई हम सा जा इजाजत है
ज़माना आजमा कर देख ले मयंक खोईवाल पे नाज करेगी

जाने क्यूँ अपने हुस्न पर इतना गुरूर है उसे.
लगता है उसका आधार कार्ड अब तक नहीं बना है ...!!

टक्करा जाता हूँ अक्सर मैं तेरे साये से
तुम दिखती जब नही हो तो महसूस क्यों होती हो मुझे

अभी इतनी जल्दी क्या है मुझे छोड़ने की
मेरी साँसें अभी बाकी हैं और कोशिश करलो तोड़ने की

गलत कहेते है लोग की सफेद रंग मै वफा होती है दोस्तो
अगर ऐसा होता तो आज नमक जख्मो की दवा होता

बहुत जी चुके उनके लिये जो मेरे लिये सब कुछ थे
अब जीना है उनके लिये जिनके लिये मैं सब कुछ हूँ

सूरत नहीं देखी तेरी अरसे से
बस वो आखिरी बार का मुस्कुरा के मिलना आज भी जीने की वजह है मेरी
Er kasz

ऐसा कौन हे दुनिया में जिसे कोई दर्द ना हो
पर दर्द मे भी मुस्कुराने वाले बहुत कम हे दुनिया में

एक पल ही काफी है अगर उसमे तुम शामिल हो जाओ
इससे ज्यादा तो मुझे जिंदगी की भी बिल्कुल जरूरत नही

जिनके पास सिर्फ सिक्के थे वो मज़े से भीगते रहे बारिश में
जिनके जेब में नोट थे वो छत तलाशते रहे

जब मुझे यक़ीन है के ख़ुदा हमेशा मेरे साथ है

तो इस से कोई फर्क नहीं पढ़ता कि कौन कौन मेरे खिलाफ़ है

साबित नहीं होती मोहब्बत एक दुसरे को मिलने पर
सब निर्भर करता है जाते वक़्त उसके मुड्कर देखने पर

जज्बात पिरोकर लफ्जों में दिल की बातें कहते हैं
अच्छी लगे या बुरी दोस्तों हम तो बस युं ही लिखते हैं