अगर कोई आपका दिल दुखाए तो बुरा मत मानना; क्योंकि; कुदरत का नियम है कि जिस पेड़ पर सबसे अधिक मीठे फल होते हैं; उसको सबसे अधिक पत्थर पड़ते हैं।
अगर कोई आपका दिल दुखाए तो बुरा मत मानना; क्योंकि; कुदरत का नियम है कि जिस पेड़ पर सबसे अधिक मीठे फल होते हैं; उसको सबसे अधिक पत्थर पड़ते हैं।
जब तक लाखों लोग भूखे और अज्ञानी है; तब तक मैं उस प्रत्येक व्यक्ति को गद्दार मानता हूँ; जो उनके बल पर शिक्षित हुआ और; अब वह उसकी ओर ध्यान नहीं देता।
पीपल के पत्तों जैसे ना बनो जो वक़्त आने पर सूख कर गिर जाते हैं बनना है तो मेहँदी के पत्तों जैसा बनो जो खुद पिस कर भी दूसरों की ज़िन्दगी में रंग भर जाते हैं।
चिंताएं परेशानियां दुःख और तकलीफें परिस्थितियों से लड़ने से नहीं दूर हो सकतीं वे दूर होंगी अपनी अंदरूनी कमजोरी दूर करने से जिसके कारण ही वे सचमुच पैदा हुईं है।
बुद्धिमान व्यक्तियों की प्रंशसा की जाती है; धनवान व्यक्तियों से ईर्ष्या की जाती है; बलशाली व्यक्तियों से डरा जाता है लेकिन विश्वास केवल चरित्रवान व्यक्तियों पर ही किया जाता है।
पत्थर तब तक सलामत है जब तक वो पर्वत से जुड़ा है पत्ता तब तक सलामत है जब तक वो पेड़ से जुड़ा है इंसान तब तक सलामत है जब तक वो परिवार से जुड़ा है क्योंकि परिवार से अलग होकर आज़ादी तो मिल जाती है लेकिन संस्कार चले जाते हैं।
दुनिया में कोई भी चीज़ अपने आपके लिए नहीं बनी है। जैसे: दरिया - खुद अपना पानी नहीं पीता। पेड़ - खुद अपना फल नहीं खाते। सूरज - अपने लिए उजाला नहीं करता। फूल - अपनी खुशबु अपने लिए नहीं बिखेरते। मालूम है क्यों? क्योंकि दूसरों के लिए ही जीना ही असली जिंदगी है।