यादों में हमारी वो भी कभी खोए होंगे; खुली आँखों से कभी वो भी सोए होंगे; माना हँसना है अदा ग़म छुपाने की; पर हँसते-हँसते कभी वो भी रोए होंगे।
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यादों में हमारी वो भी कभी खोए होंगे; खुली आँखों से कभी वो भी सोए होंगे; माना हँसना है अदा ग़म छुपाने की; पर हँसते-हँसते कभी वो भी रोए होंगे।
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