ये आरज़ू थी कि ऐसा भी कुछ हुआ होता; मेरी कमी ने तुझे भी रुला दिया होता; मैं लौट आती तेरे पास एक लम्हे में; तेरे लबों ने मेरा नाम तो लिया होता!
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ये आरज़ू थी कि ऐसा भी कुछ हुआ होता; मेरी कमी ने तुझे भी रुला दिया होता; मैं लौट आती तेरे पास एक लम्हे में; तेरे लबों ने मेरा नाम तो लिया होता!
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