सारी उम्र आँखों में एक सपना याद रहा; सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा; न जाने क्या बात थी उनमें और हम में; सारी महफिल भूल गए बस वही एक चेहरा याद रहा।
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सारी उम्र आँखों में एक सपना याद रहा; सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा; न जाने क्या बात थी उनमें और हम में; सारी महफिल भूल गए बस वही एक चेहरा याद रहा।
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